लंदन के नेहरू सेन्टर में कार्टून की प्रदर्शनी आयोजित कर लौटे कार्टूनिस्ट त्र्यम्बक शर्मा का मानना है कि कार्टून की भाषा एक ग्लोबल भाषा है बशर्ते वह बिना टिप्पणी के हो. उन्होंने कहा कि बिना टिप्पणी वाला कार्टून विश्व के किसी भी देश के किसी भी व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है।
देश की एक मात्र कार्टून पत्रिका के १२ वर्ष तक के सफल प्रकाशन के उपरांत उनकी कार्टून म्यूजियम की परिकल्पना भी शीघ्र साकार होते दिख रही है. उन्होंने बताया कि अभी देश में एक भी कार्टून म्यूजियम नहीं हैं और छत्तीसगढ़ में पहला कार्टून म्यूजियम बनाने की उनकी योजना है.
फिलहाल संस्कृति विभाग द्वारा कार्टून वाच पत्रिका को एक गैलरी प्रदान की जा रही है, जिसमें वे कार्टून म्यूजियम की झलक पेश कर सकेंगे, लेकिन भविष्य में इसके लिए बड़ी जगह की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि वे लंदन के कार्टून म्यूजियम का अवलोकन कर चुके हैं और उन्हें वहां का लाईफ-टाईम गेस्ट मेम्बर भी बनाया गया है.
श्री शर्मा चाहते हैं कि कार्टून म्यूजियम ऐसा बने कि पूरे विश्व में उस तरह का वह पहला और अनोखा कार्टून म्यूजियम हो। उनका मानना है कि इसके बनने से छत्तीसगढ़ को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी. लंदन के वैक्स म्यूजियम ``मैडम टूसाड'' का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जब मैडम टूसाड ने इसकी कल्पना की होगी तब भी लोग उन पर हंसे होंगे कि ऐसे म्यूजियम को देखने कौन आएगा जिसमें मोम से बने पुतले रखे हों.
उन्होंने बताया कि चूंकि वे विश्व स्तर पर कार्टून के क्षेत्र में नया काम करना चाहते हैं इसलिए वर्तमान में विश्व के अनेक जगहों पर स्थित कार्टून म्यूजियम की जानकारी हासिल कर रहे है। वे नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ का कार्टून म्यूजियम किसी अन्य कार्टून म्यूजियम की नकल मात्र हो.
उन्होंने कहा कि विदेशी लोग अपनी पुरानी वस्तुओं को सहेज और संवार कर रखना जानते हैं और यही कारण है कि इंग्लैण्ड में अलग-अलग विषयों पर सर्वाधिक म्यूजियम बने हुए है। दो बार लंदन की यात्रा कर चुके श्री शर्मा ने वहां के कई म्यूजियम का अवलोकन किया और पाया कि हम अपनी संस्कृति को सहेज कर रखने की बात तो करते है लेकिन उसे सहेजने की कला नहीं जानते है. लंदन के सभी म्यूजियमों के लिए एक निर्धारित शुल्क लिया जाता है और साथ ही उसकी विधिवत मार्केटिंग भी की जाती है. उन्होंने बताया कि वहां पर कार्टून को लेकर नए-नए प्रयोग भी हो रहे है. वहां के कार्टूनिस्ट क्लब आफ ग्रेट ब्रिटेन के वरिष्ठ सदस्य रान मैकगैरी ने श्री शर्मा को वह ``पब'' दिखाया जहां उनके क्लब की बैठक आयोजित होती है. प्रत्येक सप्ताह उनकी बैठक को देखते हुए ``पब'' के मालिक ने उस ``पब'' का नाम ही ``द कार्टूनिस्ट'' रख दिया. इतना ही नहीं उस पब की दीवालों पर विभिन्न कार्टूनिस्टों के बड़े-छोटे फ्रेम किए हुए कार्टून भी लगाए गए हैं.
इस ``पब'' का मोनो हर साल बदल जाता है। मोनो बनाने के लिए हर साल प्रतियोगिता आयोजित की जाती है और सर्वश्रेष्ठ मोनो को पुरस्कृत किया जाता है और वही ``द कार्टूनिस्ट'' ``पब'' का उस वर्ष का मोनो होता है.
भारत और इंग्लैंड के रहन-सहन के अंतर संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि वे हमसे कई मामलों में आगे हैं और कई मामलों में पीछे हैं. वे तकनीक के माध्यम में आगे हैं और वहां सारे संबंधों का सेतु कानून का भय है. विश्व के क्लोज सर्किट कैमरों का एक तिहाई कैमरा इंग्लैण्ड भर के शहरों में लगा है. कैमरे और कानून की निगाहें वहां के नागरिकों को नियंत्रित रखती है. हमारे देश में यह का संस्कार, धर्म और ईश्वर के माध्यम से होता है. उन्होंने कहा कि भारत में भी कानून का भय होना चाहिए जिससे अपराध नियंत्रण हो सके. साफ-सफाई के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व के विकसित देशों से डिब्बा बंद संस्कृति को तो अपना लिया है लेकिन डिब्बा खुलने के बाद उस कचरे का क्या हो उसका अनुसरण नहीं किया है. इसके लिए नगर निगम और नागरिकों को मिलकर कार्य करना होगा. वहां की नदी ``थेम्स'' को भले ही गंगा की तरह माता नहीं माना जाता लेकिन वह गंगा से ज्यादा स्वच्छ दिखती है, क्योंकि वे उसमें प्लास्टिक, फूल और अन्य कचरा नहीं डालते है.श्री शर्मा ने बताया कि कार्टून प्रदर्शनी में ``लाईफ इज ए जोक'' नाम से बनाई गई उनकी कार्टून श्रृंखला वहां काफी पसंद की गई. उन्हें बीबीसी हिन्दी के लंदन स्टूडियो में ब्रिटिश कार्टूनिस्ट रॉन मैक गैरी (६२ वर्ष) के साथ साक्षात्कार के लिए भी आमंत्रित किया गया. विगत दिनों इस साक्षात्कार का प्रसारण किया गया. इस साक्षात्कार में ब्रिटिश कार्टूनिस्ट ने मुक्त कंठ से `कार्टून वाच' के प्रकाशन और इसके प्रयास की सराहना की है, क्योंकि इंग्लैण्ड से प्रकाशित होने वाली कार्टून पत्रिका ``पंच'' भी कई सालों पहले बंद हो चुकी है.
7 comments:
उपयोगी जानकारी के लिए धन्यवाद।
thanks for information!!
हिन्दी ब्लागजगत में स्वागत ।
जे हुई न बात!!
हिंदी ब्लॉगजगत पर स्वागत और शुभकामनाएं।
अब कुछ काम की बातें,
सबसे पहले सेटिंग्स में जाकर कमेंट बॉक्स में से वर्ड वेरीफिकेशन की अनिवार्यता को हटाएं इसके होने से पाठको को कमेंट करने में दिक्कत होती है।
सबकुछ बहुत उम्दा. लिखते रहिये. शुभकामनायें.
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उल्टातीर: ultateer.blogspot.com
doobey ji doob gaye bhai
ek musium cartooniston ka bhi
banana chahiye kyonki ve log
luptpray prani ho gye hain
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