Saturday, October 12, 2019

पेरिस के सिटी हॉल में गूंजा छत्तीसगढ़..

पेरिस के सिटी हॉल में गूंजा छत्तीसगढ़..


त्र्यम्बक शर्मा ने कहा कि कार्टूनिस्टों को नफ़रत फैलाने और अतिरेक होने से बचना चाहिए...
पेरिस. कार्टून ग्लोबल फ़ोरम इंटर्नैशनल डे के अवसर पर आयोजित गोल मेज़ सम्मेलन में विश्व के 32 देशों के कार्टूनिस्ट शामिल हुए. पेरिस के सिटी हॉल में 2  अक्तूबर 2019 को आयोजित इस गोल मेज़ सम्मेलन में भारत की एकमात्र कार्टून पत्रिका कार्टून वॉच की ओर से त्र्यम्बक शर्मा शामिल हुए. 
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए त्र्यम्बक शर्मा ने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया और बताया कि यह सुखद संयोग है कि यह सम्मेलन गांधीजी की 150 वीं जयंती पर आयोजित हो रहा है. उन्होंने कहा कि यूनाइटेड नेशन आज के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है और हम आज उस शहर में हैं जहाँ पर 12 लोगों पर गोलियाँ बरसाई गई जिसमें 8 कार्टूनिस्ट मारे गए. श्री शर्मा ने कहा कि कार्टूनिस्ट को जानबूझकर विवादास्पद कार्टून बनाकर मशहूर होने से बचना चाहिए. पेरिस से निकलने वाले कार्टून साप्ताहिक अख़बार चार्ली हेबदो के अतिरेक कार्टूनों और उसकी प्रतिक्रिया को ज़हन में रखते हुए श्री शर्मा ने कहा की भारत में कहा जाता है कि अति सर्वत्र व्रजऐत, इसलिए करतूनिस्टों को अतिरेक होने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजकल विश्व के अनेक कार्टूनिस्ट नग्नता को कार्टून में शामिल कर रहे हैं, जबकि असली कार्टूनिस्ट वह है जो बिना आपके कपड़े उतारेआपकी नग्नता को रेखांकित कर दे. 
इस मौक़े पर अमेरिका के कार्टूनिस्ट डेरिल केगल ने कहा कि कार्टूनिस्ट वह बेच रहे हैं जिसका कोई ख़रीददार नहीं है, अख़बारों में कार्टूनिस्टों के लिए काम नहीं है. उन्होंने कहा कि फ़ोरम को सम्पादकों का भी एक सम्मेलन कराना चाहिए जिस से वे कार्टूनिस्ट को अपने अख़बार में जगह देना शुरू करें.
इस सम्मेलन में सभी देशों के कार्टूनिस्ट ने अपने अपने विचार रखे और अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता के संदर्भ में अपनी बात रखी.अधिकतर कार्टूनिस्ट हेट स्पीच वाले कार्टून के ख़िलाफ़ दिखे और कुछ पूर्ण स्वतंत्रता के पक्षधर भी. कुछ ने कहा कि अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता का आशय पूर्ण स्वतंत्रता है.इस अवसर पर इटली,मलेसिया,रूस,यूएसए,
इंगलैण्ड, अफगानिस्तान सहित 32 देशों के कार्टूनिस्ट उपस्थित थे..

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